Adhyatmik Shakti: इस पूजा से जीवन की हर समस्या समाप्त हो जाएगी 2026
Adhyatmik Shakti के मार्गदर्शन के अनुसार प्रस्तुत यह विस्तृत आध्यात्मिक ब्लॉग बताता है कि 2026 में कौन-सी दिव्य पूजा आपके जीवन की रुकावटें, मानसिक तनाव, आर्थिक बाधाएँ और नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकती है। यह लेख साधना, चेतना और मन की ऊर्जा को संतुलित करने वाली उस विशेष त्रिकाल पूजा पर आधारित है, जो जीवन में स्थिरता, शांति और सफलता लाने की अद्भुत क्षमता रखती है।
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11/21/20251 min read
प्रस्तावना – 2026 में आध्यात्मिक ऊर्जा का महत्व क्यों बढ़ रहा है
आज का समय एक नए परिवर्तन से गुजर रहा है। मनुष्य की गति तेज हो गई है, इच्छाएँ अनगिनत हो गई हैं और मानसिक दबाव पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है।
हर व्यक्ति कुछ न कुछ समस्याओं से जूझ रहा है—
करियर में बाधा
पैसे की कमी
परिवार में कलह
रिश्तों का टूटना
स्वास्थ्य में गिरावट
मानसिक बेचैनी
2026 को ऊर्जा परिवर्तन का वर्ष माना जा रहा है। Adhyatmik Shakti के अनुसार यह समय ऐसा है जिसमें की गई पूजा या साधना कई गुना फल देती है। ऊर्जा की संवेदनशीलता इतनी अधिक है कि छोटी-सी साधना भी चमत्कारिक असर दिखा सकती है।
इसी ऊर्जा परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए यह विशेष पूजा—
सर्व-विघ्न नाशक त्रिकाल पूजा
पूरे वर्ष 2026 में अत्यधिक प्रभावी मानी गई है।
सर्व-विघ्न नाशक त्रिकाल पूजा क्या है?
यह पूजा तीन प्रकार की शक्तियों को सीधे सक्रिय करती है—
चेतन ऊर्जा
आत्मिक सामर्थ्य
कर्मिक प्रवाह
जब ये तीनों संतुलित हो जाते हैं, तो रुकावटें, बाधाएँ, नकारात्मक विचार और परिस्थितियाँ स्वतः हटने लगती हैं। Adhyatmik Shakti में इस पूजा को जीवन-परिवर्तनकारी माना जाता है।
2026 में यह पूजा सबसे अधिक प्रभावी क्यों है?
1. ग्रहों का परिवर्तनशील समय
2026 में ग्रहों की चाल अत्यंत संवेदनशील रहेगी। इस समय में की गई साधना अत्यधिक जल्दी फल देती है।
2. ऊर्जा पृथ्वी पर तेज़ी से बढ़ रही है
मानव-चेतना उच्च स्तर पर पहुँच रही है। यह पूजा उसी चेतना को स्थिर और मजबूत करती है।
3. नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ेगा
कई ज्योतिषीय आकलनों के अनुसार 2026 में भ्रम, तनाव और अनिश्चितता बढ़ेगी। यह पूजा इन सभी नकारात्मकताओं से सुरक्षा कवच बनाती है।
इस पूजा से जीवन की कौन-कौनसी समस्याएँ समाप्त होती हैं?
1. धन-संबंधी रुकावटें
धन आने में समस्या, पैसे रुक जाना, कर्ज़ बढ़ना—यह पूजा उन मानसिक और ऊर्जा-अवरोधों को हटाती है जो आर्थिक प्रवाह को रोकते हैं।
2. रिश्तों में खटास
नकारात्मक ऊर्जा रिश्तों में दूरी पैदा करती है। त्रिकाल पूजा मन की ऊर्जा को संतुलित करके प्रेम और समझ बढ़ाती है।
3. करियर में बाधाएँ
कर्मिक प्रवाह को सक्रिय करके यह पूजा नई राहें, अवसर और दिशा प्रदान करती है।
4. मानसिक तनाव और बेचैनी
पूजा के मंत्र और प्रक्रियाएँ मन को शांत करके ध्यान की शक्ति बढ़ाती हैं।
5. बुरी नज़र और नकारात्मक शक्तियाँ
Adhyatmik Shakti परंपरा में इसे अत्यंत प्रभावी सुरक्षात्मक साधना माना जाता है।
पूजा करने की सही विधि – चरण दर चरण
1. पूजा का समय और दिन
त्रिकाल पूजा दिन में तीन बार की जाती है—
सुबह सूर्य उदय से पहले
दोपहर में 12:00 बजे के आसपास
रात को सोने से पहले
2026 में विशेषकर पूर्णिमा और अमावस्या के दिन इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
2. पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
शुद्ध जल
दीपक
चंदन
गाय के घी
कपूर
सफेद पुष्प
स्वच्छ आसन
इन वस्तुओं का उपयोग मन, शरीर और चेतना की शुद्धि के लिए किया जाता है।
3. पूजा की विधि
पहला चरण – शुद्धिकरण
कमरे को शांत रखें। दीपक जलाएँ। तीन बार गहरी साँस लेकर मन को स्थिर करें।
Adhyatmik Shakti के सिद्धांत अनुसार शुद्ध विचार आध्यात्मिक ऊर्जा का पहला द्वार है।
दूसरा चरण – मंत्र जाप
निम्न मंत्र दिया जाता है:
“ॐ सर्वविघ्ननाशाय नमः।”
इसे 108 बार जपें।
तीसरा चरण – संकल्प
मन में स्पष्ट कहें:
“मेरी सभी रुकावटें दूर हों, मेरे जीवन में शांति, समृद्धि और शक्ति का प्रवाह हो।”
चौथा चरण – ध्यान
5–10 मिनट आँखें बंद करके केवल श्वास पर ध्यान रखें।
यही वह क्षण है जब चेतन और आत्मिक ऊर्जा का मिलन होता है।
पूजा करने के बाद क्या परिवर्तन अनुभव होंगे?
1. मन में हल्कापन
पहले सप्ताह में ही मानसिक बोझ कम महसूस होगा।
2. परिस्थितियों का बदलना
जो कार्य लंबे समय से रुके थे, उनमें गति आने लगती है।
3. लोगों का व्यवहार बदलना
नकारात्मक लोग दूर होने लगते हैं और सकारात्मक लोग जुड़ने लगते हैं।
4. आर्थिक प्रवाह
धीरे-धीरे नए अवसर, नए काम और धन का आगमन होता है।
5. आत्मविश्वास का बढ़ना
ऊर्जा संतुलन से व्यक्ति के भीतर नैसर्गिक शक्ति जागती है।
2026 में कौन-कौन लोग यह पूजा अवश्य करें?
जिनके जीवन में लगातार असफलताएँ आ रही हैं
जिनके रिश्तों में तनाव समाप्त नहीं हो रहा
जो कर्ज़ या पैसों की समस्या से जूझ रहे हैं
जिनके घर में नकारात्मकता या लड़ाई-झगड़ा रहता है
जिनका मन बेचैन, कमजोर या डर से भरा रहता है
जिनके काम रुक रहे हैं या अवसर हाथ से निकल जाते हैं
Adhyatmik Shakti में इस पूजा को उन लोगों के लिए अनिवार्य माना गया है जिन्हें जीवन में मार्गदर्शन और मानसिक स्थिरता चाहिए।
पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखें
पूजा के दौरान मोबाइल या इंटरनेट का प्रयोग न करें।
मन में क्रोध, ईर्ष्या या घृणा न रखें।
मंत्र जाप करते समय हर शब्द स्पष्ट बोलें।
पूजा के बाद कुछ समय शांति में बिताएँ।
गलत कर्मों से दूर रहें — क्योंकि कर्म योग का सीधा संबंध ऊर्जा प्रवाह से है।
Adhyatmik Shakti का सिद्धांत – क्यों यह पूजा तुरंत असर करती है
Adhyatmik Shakti यह मानती है कि मनुष्य के जीवन में आने वाली 80% समस्याएँ ऊर्जा असंतुलन के कारण होती हैं।
जब चेतना, मन और कर्म — तीनों असंतुलित हो जाते हैं, तब बाधाएँ उत्पन्न होती हैं।
त्रिकाल पूजा इन तीनों को एक साथ सक्रिय करती है:
चेतना को जागृत करती है
मन को स्थिर करती है
कर्मिक प्रवाह को मुक्त करती है
इसलिए इस पूजा के परिणाम तेज और स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं।
जीवन में स्थायी परिवर्तन कैसे आएगा?
पूजा का उद्देश्य चमत्कार कराना नहीं, बल्कि जीवन की ऊर्जा को ठीक दिशा में प्रवाहित करना है।
जब ऊर्जा सही दिशा में बहती है—
अवसर स्वयं आते हैं
रिश्ते स्वतः सुधरते हैं
पैसा रुकता नहीं
स्वास्थ्य बेहतर होता है
मन शांत रहता है
यही Adhyatmik Shakti की सबसे बड़ी देन है—
जीवन को भीतर से बदल देना।
2026 के लिए निष्कर्ष
2026 ऊर्जा परिवर्तन का वर्ष है।
इस वर्ष की गई आध्यात्मिक साधना कई गुना असर दिखाती है।
सर्व-विघ्न नाशक त्रिकाल पूजा वही साधना है जो—
रुकावटें हटाती है
डर दूर करती है
सफलता बढ़ाती है
आत्मविश्वास मजबूत करती है
जीवन में समृद्धि लाती है
Adhyatmik Shakti के सिद्धांतों पर आधारित यह पूजा उन लोगों के लिए वरदान है जो अपने जीवन में नए अध्याय की शुरुआत करना चाहते हैं।
अंत में एक महत्वपूर्ण संदेश
यदि मन साफ़ है और संकल्प दृढ़ है, तो साधना 100% असर करती है।
2026 में यह पूजा आपका भाग्य बदल सकती है—
बस नियमितता, विश्वास और शांति के साथ इसे करें।


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