2026 में दो लोगों की शादी के लिए कुंडली कैसे मिलाएं | Adhyatmik Shakti की ज्योतिषीय विवाह गाइड
क्या आप जानना चाहते हैं कि शादी से पहले दो लोगों की कुंडली कैसे मिलाई जाती है? इस 2026 की विस्तृत मार्गदर्शिका में Adhyatmik Shakti आपको बताएगा कि विवाह से पहले कुंडली मिलान कैसे किया जाता है, कौन से गुण देखने चाहिए, कौन से दोष अशुभ होते हैं और सही विवाह योग कैसे पहचानें।
ASTROLOGY
10/30/20251 min read
2026 में दो लोगों की शादी के लिए कुंडली कैसे मिलाएं | Adhyatmik Shakti की ज्योतिषीय विवाह गाइड
भारतीय संस्कृति में विवाह केवल दो व्यक्तियों का नहीं, बल्कि दो आत्माओं और दो परिवारों का मिलन माना जाता है।
लेकिन यह मिलन तभी शुभ और स्थायी होता है जब दोनों की कुंडलियाँ एक-दूसरे के अनुरूप हों।
इसीलिए विवाह से पहले कुंडली मिलान यानी Horoscope Matching की परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है।
Adhyatmik Shakti के अनुसार, सही कुंडली मिलान से यह तय होता है कि पति-पत्नी के बीच प्रेम, समझदारी, स्वास्थ्य, और जीवन की स्थिरता बनी रहेगी या नहीं।
🔮 1. कुंडली मिलान का महत्व
कुंडली मिलान का मतलब केवल “गुण मिलाना” नहीं, बल्कि यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें ग्रहों की स्थिति, नक्षत्र, दशा, और योगों के आधार पर दोनों व्यक्तियों के जीवन की संगतता जाँची जाती है।
यह प्रक्रिया यह बताती है कि:
क्या दोनों की सोच और स्वभाव एक जैसा है?
क्या ग्रह एक-दूसरे का साथ देते हैं या टकराते हैं?
क्या वैवाहिक जीवन में सुख, समृद्धि और संतान का योग है?
और क्या कोई बड़ा दोष है जो भविष्य में बाधा बन सकता है?
🪔 2. कुंडली मिलान के मुख्य 8 कूट (अष्टकूट मिलान)
कुंडली मिलान में 36 अंकों का पैमाना होता है जिसे अष्टकूट मिलान कहा जाता है।
यह आठ मुख्य पहलुओं पर आधारित होता है:
1. वर्ण कूट (Varn Koot)
यह दोनों की आध्यात्मिक ऊर्जा और मानसिक स्तर की समानता को दर्शाता है।
अगर वर्ण समान या उच्च मेल वाला है तो मानसिक तालमेल अच्छा रहेगा।
2. वश्य कूट (Vashya Koot)
यह बताता है कि क्या दोनों में से कोई एक दूसरे पर प्रभाव रखता है या नहीं।
अगर दोनों वश्य हैं तो जीवन में सामंजस्य बना रहता है।
3. तारा कूट (Tara Koot)
यह नक्षत्रों की अनुकूलता दर्शाता है। इससे स्वास्थ्य और मानसिक स्थिरता का पता चलता है।
4. योनि कूट (Yoni Koot)
शारीरिक और भावनात्मक आकर्षण का यह सबसे महत्वपूर्ण पहलू है।
यह पति-पत्नी के बीच निजी तालमेल को मजबूत बनाता है।
5. ग्रह मैत्री कूट (Graha Maitri Koot)
दोनों की कुंडलियों में ग्रहों की मित्रता और सोच की दिशा बताता है।
अगर ग्रह एक-दूसरे के मित्र हैं, तो संबंध स्थायी रहते हैं।
6. गण कूट (Gana Koot)
यह स्वभाव से संबंधित होता है — देव गण, मानव गण और राक्षस गण।
अगर अलग गण वाले लोगों की शादी हो, तो वैवाहिक जीवन में मतभेद हो सकते हैं।
7. भकूट कूट (Bhakoot Koot)
यह आर्थिक स्थिति, पारिवारिक सुख और दीर्घायु से जुड़ा होता है।
भकूट में दोष होने पर आर्थिक या वैवाहिक समस्याएँ हो सकती हैं।
8. नाड़ी कूट (Nadi Koot)
यह सबसे महत्वपूर्ण कूट है जो स्वास्थ्य और संतान प्राप्ति से जुड़ा है।
अगर नाड़ी समान है तो शादी टालने की सलाह दी जाती है।
कुल 36 गुणों में से कम से कम 18 गुण मिलने पर विवाह योग्य माना जाता है,
लेकिन 24 से अधिक गुण मिलना आदर्श और शुभ माना जाता है।
🔭 3. 2026 में ग्रहों की स्थिति और विवाह योग
2026 का साल विवाह के दृष्टिकोण से ज्योतिषीय रूप से विशेष रहेगा।
गुरु (Jupiter) और शुक्र (Venus) के गोचर विवाह योगों को मजबूत बनाएंगे।
मेष, वृषभ, कन्या और मकर राशि वालों के लिए विवाह योग अत्यंत शुभ रहेंगे।
तुला, धनु और मीन राशि वालों को विवाह से पहले ग्रह दशा देखनी चाहिए।
शनि (Saturn) की दृष्टि कुछ राशियों के लिए देरी या अड़चनें ला सकती है।
राहु-केतु का गोचर अचानक संबंध या विवाह प्रस्ताव ला सकता है।
इसलिए विवाह का मुहूर्त तय करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है।
🌸 4. कुंडली मिलान में दोष और उनके उपाय
(1) मंगल दोष (Mangal Dosha)
अगर मंगल 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में है तो इसे मंगलिक दोष कहा जाता है।
इससे वैवाहिक जीवन में तनाव या मतभेद हो सकते हैं।
उपाय: मंगल शांति पूजा, हनुमान जी की आराधना या मंगलिक से विवाह।
(2) नाड़ी दोष (Nadi Dosha)
यह स्वास्थ्य और संतान पर असर डाल सकता है।
उपाय: नाड़ी दोष निवारण पूजा और दान-पुण्य से शांति प्राप्त की जा सकती है।
(3) भकूट दोष (Bhakoot Dosha)
यह पारिवारिक मतभेद और आर्थिक बाधाओं का कारण बन सकता है।
उपाय: भकूट दोष शांति के लिए विशेष ग्रह जप और दान कार्य।
🌼 5. विवाह के लिए शुभ समय (मुहूर्त) कैसे तय करें
कुंडली मिलान के बाद विवाह का शुभ मुहूर्त निकालना अगला कदम होता है।
Adhyatmik Shakti के अनुसार मुहूर्त तय करते समय ध्यान रखें:
गुरु और शुक्र शुभ भाव में हों।
चंद्रमा शुभ नक्षत्र में हो (जैसे रोहिणी, मृगशिरा, उत्तरा फाल्गुनी)।
राहुकाल या अमावस्या तिथि में विवाह न करें।
दिन का समय सूर्यास्त से पहले शुभ माना जाता है।
💫 6. सही जोड़ी के लिए आध्यात्मिक दृष्टिकोण
कुंडली मिलान केवल गणना नहीं, बल्कि ऊर्जा का संतुलन है।
जब दो आत्माएँ एक समान ऊर्जा लेकर जन्म लेती हैं, तो उनका विवाह सफल और स्थायी होता है।
Adhyatmik Shakti मानता है कि अगर आप आध्यात्मिक रूप से एक-दूसरे के पूरक हैं —
तो ग्रह, नक्षत्र और योग भी आपको आशीर्वाद देंगे।
इसलिए कुंडली मिलान के साथ-साथ एक-दूसरे की सोच, धैर्य और भावनात्मक समझ को भी महत्व देना चाहिए।
🌠 निष्कर्ष
2026 में शादी के लिए कुंडली मिलान करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि ग्रहों की स्थिति इस वर्ष विवाह योगों को मजबूत बनाएगी।
अगर दोनों की कुंडलियों में शुभ योग हैं और दोषों का निवारण किया गया है, तो यह वैवाहिक जीवन स्थायी, प्रेमपूर्ण और सफल रहेगा।
Adhyatmik Shakti कहता है —
“जब आत्माएँ संगत होती हैं, तो ग्रह भी उनके पक्ष में काम करते हैं।”


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