कुंडली से दोष कैसे हटाएँ | Adhyatmik Shakti

इस ब्लॉग में जानिए कुंडली में मौजूद दोषों जैसे पितृ दोष, मंगल दोष, कालसर्प दोष आदि को दूर करने के प्रभावी उपाय। Adhyatmik Shakti के दृष्टिकोण से समझिए कि कैसे ग्रहों की शांति और ईश्वर की आराधना से जीवन में फिर से सौभाग्य, शांति और सफलता लाई जा सकती है।

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11/1/20251 min read

🌟 कुंडली से दोष कैसे हटाएँ – Adhyatmik Shakti

कुंडली मनुष्य के जीवन का आध्यात्मिक मानचित्र है। इसमें ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति हमारे कर्म, स्वभाव और भाग्य का संकेत देती है। लेकिन जब कुछ ग्रह प्रतिकूल स्थिति में होते हैं, तो दोष (Dosha) उत्पन्न होते हैं — जैसे पितृ दोष, मंगल दोष, कालसर्प दोष, शनि दोष आदि।

ये दोष जीवन में बाधाएँ, आर्थिक संकट, वैवाहिक समस्या, या मानसिक अशांति पैदा कर सकते हैं।
लेकिन चिंता की बात नहीं — शास्त्रों में हर दोष का उपाय और समाधान बताया गया है।

आइए, Adhyatmik Shakti के माध्यम से जानते हैं — कुंडली से दोष कैसे हटाएँ और जीवन में सकारात्मकता कैसे लौटाएँ।

🔯 1. कुंडली के दोष क्या होते हैं?

कुंडली में दोष तब उत्पन्न होते हैं जब ग्रह किसी अशुभ स्थिति में बैठते हैं या आपस में टकराते हैं।
ये ग्रह व्यक्ति के जीवन के किसी क्षेत्र — जैसे विवाह, करियर, स्वास्थ्य, या धन — पर प्रभाव डालते हैं।

मुख्य दोषों के प्रकार:

  • 🌑 पितृ दोष

  • 🔥 मंगल दोष

  • 🐍 कालसर्प दोष

  • 🪐 शनि दोष

  • 🌒 राहु-केतु दोष

  • 🌕 ग्रहण दोष

हर दोष की प्रकृति अलग होती है, इसलिए उसका उपाय भी अलग-अलग होता है।

🌿 2. पितृ दोष क्या है और कैसे दूर करें?

पितृ दोष तब बनता है जब हमारे पूर्वजों की आत्मा असंतुष्ट होती है या उन्हें श्राद्ध, तर्पण आदि विधियाँ नहीं मिली होतीं।
इसका प्रभाव होता है —

  • परिवार में कलह,

  • आर्थिक रुकावटें,

  • संतान प्राप्ति में कठिनाई।

उपाय:

  • अमावस्या के दिन पवित्र नदी या अपने घर पर पिंडदान या तर्पण करें।

  • "ॐ पितृदेवाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

  • गरीबों को भोजन कराएँ और कौवों को अन्न दें।

💫 ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा शांत होती है और घर में सुख-शांति आती है।

🔥 3. मंगल दोष (Manglik Dosh) और उसका समाधान

जब मंगल ग्रह प्रथम, चौथे, सप्तम, आठवें या बारहवें भाव में हो, तो व्यक्ति मंगलिक कहलाता है।
इससे वैवाहिक जीवन में देरी या मतभेद हो सकते हैं।

उपाय:

  • मंगलवार के दिन हनुमान जी या भगवान कुंभारेश्वर की पूजा करें।

  • “ॐ मंगलाय नमः” मंत्र का जाप करें।

  • विवाह से पहले मंगल शांति पूजा या कुंभ विवाह कर सकते हैं।

🕉️ Adhyatmik Shakti के अनुसार, यदि व्यक्ति नियमित रूप से मंगल मंत्र का जाप करे, तो मंगल दोष का प्रभाव बहुत कम हो जाता है।

🐍 4. कालसर्प दोष और इसके उपाय

कालसर्प दोष तब बनता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं।
यह व्यक्ति के जीवन में अचानक उतार-चढ़ाव, मानसिक तनाव और अस्थिरता लाता है।

उपाय:

  • नाग पंचमी के दिन शिवलिंग पर दूध चढ़ाएँ।

  • “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ राहवे नमः, ॐ केतवे नमः” मंत्रों का जाप करें।

  • सोमवार को नाग देवता की पूजा करें और कालसर्प योग निवारण पूजा कराएँ।

🪶 शिव भक्ति और ध्यान से राहु-केतु के प्रभाव को शांत किया जा सकता है।

🪐 5. शनि दोष और साढ़े साती से मुक्ति

शनि ग्रह कर्म का न्यायाधीश है।
जब यह प्रतिकूल स्थिति में होता है, तो व्यक्ति को संघर्ष, धन हानि या मानसिक चिंता का सामना करना पड़ता है।

उपाय:

  • शनिवार को शनि मंदिर में सरसों का तेल और काले तिल चढ़ाएँ।

  • “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।

  • गरीबों और जरूरतमंदों को वस्त्र, भोजन और लोहा दान करें।

🌸 यह सब कर्मों को संतुलित करता है और शनि की कृपा प्राप्त होती है।

🌗 6. राहु-केतु दोष के उपाय

राहु और केतु छाया ग्रह हैं, जो भ्रम, नकारात्मकता और मानसिक अस्थिरता लाते हैं।

उपाय:

  • शनिवार या बुधवार को “ॐ राहवे नमः” और “ॐ केतवे नमः” मंत्रों का जाप करें।

  • गोमेद (Rahu Stone) या लहसुनिया (Ketu Stone) पहनने से पहले योग्य ज्योतिषी से परामर्श करें।

  • शिव मंदिर में जाकर जल अर्पित करें।

🌙 शिव की आराधना से राहु-केतु दोष शांति पाते हैं क्योंकि भगवान शिव इन ग्रहों के स्वामी माने जाते हैं।

🌕 7. ग्रहण दोष के उपाय

ग्रहण दोष तब बनता है जब सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल होती है।
इससे व्यक्ति की सोच और निर्णय क्षमता प्रभावित होती है।

उपाय:

  • ग्रहण के दौरान मंत्र जप और ध्यान करें।

  • ग्रहण के बाद स्नान कर दान दें।

  • “ॐ सूर्याय नमः” या “ॐ चंद्राय नमः” मंत्र का जाप करें।

🕯️ यह आत्मा को शुद्ध करता है और ग्रहों की ऊर्जा को पुनः संतुलित करता है।

🔮 8. सरल घरेलू उपाय कुंडली दोषों के लिए

  1. प्रतिदिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करके सूर्य को जल अर्पित करें।

  2. तुलसी पौधे को जल दें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।

  3. गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु की पूजा करें।

  4. शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।

  5. सोमवार को शिवलिंग पर जल, दूध, और बेलपत्र अर्पित करें।

🌸 ये सरल उपाय आपके ग्रहों को शांत करके भाग्य को पुनः सक्रिय करते हैं।

✨ 9. आध्यात्मिक दृष्टि से दोष हटाने का सबसे सरल तरीका

Adhyatmik Shakti के अनुसार, हर दोष की जड़ हमारे कर्म और विचारों में होती है।
जब हम अपने कर्म को शुद्ध करते हैं —

  • सत्य बोलते हैं

  • दूसरों का भला करते हैं

  • ईश्वर का स्मरण करते हैं
    तो धीरे-धीरे ग्रहों की स्थिति स्वयं सुधर जाती है।

🕉️ भक्ति और आत्मचिंतन ही सबसे शक्तिशाली ग्रह शांति उपाय हैं।

🌺 10. दोष निवारण के लिए विशेष पूजा

यदि कुंडली में कई दोष एक साथ हों, तो आप ग्रह शांति यज्ञ या नवग्रह पूजा करा सकते हैं।
यह पूजा व्यक्ति की ऊर्जा को संतुलित करती है और ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम करती है।

नवग्रह पूजा मंत्र:

"ॐ आदित्याय नमः, ॐ सोमाय नमः, ॐ भौमाय नमः,
ॐ बुधाय नमः, ॐ बृहस्पतये नमः, ॐ शुक्राय नमः,
ॐ शनैश्चराय नमः, ॐ राहवे नमः, ॐ केतवे नमः।"

🌞 इससे जीवन में नई शुरुआत, सफलता और मानसिक स्थिरता आती है।

🌿 निष्कर्ष (Conclusion)

कुंडली में दोष होना कोई अभिशाप नहीं है।
यह केवल एक संकेत है कि आपको अपनी ऊर्जा, कर्म और विचारों को सुधारने की आवश्यकता है।

Adhyatmik Shakti का संदेश:

“ग्रह हमारे कर्मों के दर्पण हैं, और कर्म सुधार ही ग्रह शांति है।”

इसलिए नियमित पूजा, ध्यान, और दान के माध्यम से अपने जीवन को संतुलित करें।
जब मन शुद्ध होगा — तो दोष अपने आप समाप्त हो जाएंगे, और सौभाग्य फिर से आपके द्वार पर दस्तक देगा।