अगर किसी पर भूत चढ़ जाए तो क्या करें? – 2026 में आध्यात्मिक शक्ति की दृष्टि से सम्पूर्ण मार्गदर्शन
इस लेख में Adhyatmik Shakti की आध्यात्मिक परंपरा के आधार पर बताया गया है कि यदि किसी व्यक्ति पर भूत-प्रेत, नकारात्मक ऊर्जा या सूक्ष्म शक्तियों का प्रभाव हो जाए तो क्या करना चाहिए, उसके लक्षण क्या होते हैं, और 2026 के समय में आध्यात्मिक रूप से इसे कैसे दूर किया जा सकता है।
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11/17/20251 min read
प्रस्तावना – भूत-प्रेत का विषय क्यों आज भी महत्वपूर्ण है?
2026 में विज्ञान कितना भी आगे बढ़ जाए,
मानव अभी भी दृश्य और अदृश्य दोनों प्रकार की शक्तियों से प्रभावित होता है।
नकारात्मक ऊर्जा, असंतुलित आत्माएँ, और सूक्ष्म जगत का प्रभाव उन लोगों को अधिक पकड़ता है जो—
मानसिक रूप से कमजोर हों
अत्यधिक भयभीत हों
ऊर्जा की दृष्टि से थके हुए हों
या जिनका मन अक्सर शून्य-भाव में रहे
इसी कारण यह समझना आवश्यक है कि यदि किसी पर भूत चढ़ जाए, या ऐसा प्रतीत हो कि कोई अदृश्य शक्ति उसे नियंत्रित कर रही है, तो क्या किया जाए।
पहला अध्याय – कैसे पहचानें कि किसी पर भूत-प्रेत का प्रभाव है?
धर्म-ग्रंथों और आध्यात्मिक परंपरा के अनुसार इसके 12 मुख्य लक्षण हैं:
आवाज़ बदलना
अत्यधिक क्रोध या अचानक हिंसक व्यवहार
आँखों का लाल हो जाना या खाली दिखना
धार्मिक मंत्रों, पूजा, धूप-अगरबत्ती से असहजता
अचानक ठंडी या भारी ऊर्जा का महसूस होना
नींद का टूटना, रात में चिल्लाना
अनोखी भाषा बोलना या अजीब हरकतें करना
अधिक देर तक अकेले रहना पसंद करना
भूख अचानक कम या ज़्यादा होना
घर के मंदिर में घबराहट
दुष्ट शक्ति वाला सपना
कंधों और पीठ में असहनीय भार जैसा दर्द
ये लक्षण तभी महत्व रखते हैं जब कई दिनों तक लगातार दिखाई दें।
दूसरा अध्याय – 2026 में नकारात्मक शक्तियाँ क्यों बढ़ रही हैं?
2026 का समय आध्यात्मिक परिवर्तन का वर्ष माना जा रहा है।
जब पृथ्वी पर ऊर्जा बदलती है, तो—
कमजोर आत्माएँ भटकती हैं
नकारात्मक शक्तियाँ सक्रिय होती हैं
संवेदनशील लोग जल्दी प्रभावित होते हैं
इसी कारण नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव बढ़ सकते हैं।
Adhyatmik Shakti का मत है कि
जब प्रकाश बढ़ता है, तब अंधकार अंतिम बार संघर्ष करता है।
तीसरा अध्याय – अगर किसी पर भूत चढ़ जाए तो सबसे पहले क्या करना चाहिए?
1. व्यक्ति को अकेला न छोड़ें
डरने न दें।
उसके पास बैठें और शांत रहें।
2. तुरंत हनुमान चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र या दुर्गा कवच सुनाएँ
उसे ज़ोर से नहीं—धीरे, शांत स्वर में चलाएँ।
3. कमरे में रौशनी रखें
अंधकार नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
4. गंगाजल और कपूर जलाएँ
कपूर जलाने से वातावरण की ऊर्जा संतुलित होती है।
5. उसके सिर पर हाथ रखकर “ॐ नमः भगवते वासुदेवाय” का जप करें
यह मंत्र अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
चौथा अध्याय – क्या चिकित्सा भी आवश्यक है?
हाँ, बिल्कुल।
कई बार मानसिक तनाव, अवसाद, अत्यधिक डर या ट्रॉमा भी वैसा ही व्यवहार दिखाता है जैसा भूत-प्रेत के प्रभाव में होता है।
इसलिए
आध्यात्मिक उपाय + मानसिक स्वास्थ्य की जाँच — दोनों जरूरी हैं।
पाँचवाँ अध्याय – धार्मिक रूप से सबसे शक्तिशाली उपाय
धार्मिक दृष्टि से भूत-प्रेत निवारण के 7 सबसे प्रभावी उपाय हैं:
1. हनुमान चालीसा का निरंतर पाठ
हिंदू परंपरा में यह सबसे शक्तिशाली रक्षा-कवच माना गया है।
2. सुंदरकांड का पाठ
घर का वातावरण शुद्ध हो जाता है।
3. महाकाल या नृसिंह भगवान की उपासना
नकारात्मक शक्तियाँ इन रूपों के सामने टिकती नहीं।
4. लगातार 11 दिनों तक “ॐ नमो भगवते रुद्राय” का जप
5. नींबू-मिर्च या लौंग से रक्षा-विधान
6. सवा माह तक मंगलवार-शनिवार उपवास
7. किसी योग्य पुरोहित, तांत्रिक या साधक से सुक्ष्म दोष निष्कासन करवाना
महत्वपूर्ण—
ये कार्य अनुभवी व्यक्ति द्वारा ही करवाएँ।
छठा अध्याय – क्या भूत-प्रेत सच में किसी के शरीर में प्रवेश करते हैं?
धार्मिक दृष्टि से हाँ—
लेकिन हर मामले में नहीं।
तीन प्रकार की सूक्ष्म शक्तियाँ होती हैं:
अशांत आत्माएँ – जो अचानक मृत्यु के कारण भटकती हैं
निम्न ऊर्जा वाले प्रेत – जो कमजोर मन वाले लोगों पर प्रभाव डालते हैं
तांत्रिक रूप से नियंत्रित शक्तियाँ – जिन्हें किसी ने भेजा हो
इनकी शक्ति सीधी मानव चेतना पर प्रभाव डालती है।
लेकिन याद रखें—
धर्म और प्रकाश अंधकार से हमेशा अधिक शक्तिशाली होते हैं।
सातवाँ अध्याय – घर के लिए 2026 का सर्वोत्तम सुरक्षा कवच
घर को सुरक्षित रखने के लिए ये उपाय अत्यंत प्रभावी हैं:
1. रोज एक बार कपूर जलाएँ
यह माहौल को शुद्ध बनाता है।
2. नमक-पानी से पोछा लगाएँ
ऊर्जा भारी नहीं रहती।
3. घर के मुख्य द्वार पर लाल रंग का तिलक लगाएँ
4. भगवान हनुमान या नृसिंह की तस्वीर रखें
5. शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाएँ
6. हवन या अग्नि-शुद्धि मास में एक बार करें
ये उपाय घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचाते हैं।
आठवाँ अध्याय – कौन लोग जल्दी प्रभावित होते हैं?
जो अत्यधिक डरपोक हों
जो रात में अक्सर अकेले रहें
जिनके घर में पुराने पेड़ या खाली कोने हों
जिनके मन में दुख, अवसाद या तनाव अधिक हो
जो अचानक अत्यधिक कमजोर महसूस करें
जिनकी ऊर्जा (aura) कमजोर हो
बच्चे और बुजुर्ग
इसी कारण इन लोगों की आध्यात्मिक सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है।
नौवाँ अध्याय – 2026 की दृष्टि से सबसे शक्तिशाली मंत्र
“ॐ नमः शिवाय”
“ॐ हनुमते नमः”
“ॐ क्लीं नरसिंहाय नमः”
महामृत्युंजय मंत्र
दुर्गा कवच
इनमें से किसी एक मंत्र का लगातार जप नकारात्मक ऊर्जा को हमेशा के लिए निष्क्रिय कर देता है।
दसवाँ अध्याय – क्या ऐसे व्यक्ति पूरी तरह ठीक हो सकता है?
हाँ।
पूरी तरह ठीक हो सकता है—
यदि:
सही आध्यात्मिक उपाय अपनाए जाएँ
सही लोगों से मार्गदर्शन लिया जाए
व्यक्ति को अकेला न छोड़ा जाए
मन और शरीर दोनों संतुलित किए जाएँ
अंधकार कितना भी गहरा क्यों न हो—
प्रकाश उसे समाप्त कर ही देता है।
समापन – भूत-प्रेत से बड़ा है आपका धर्म और आपकी आध्यात्मिक शक्ति
भूत-प्रेत कमजोर ऊर्जा हैं;
धर्म और आध्यात्मिक शक्ति उनसे कई गुना अधिक शक्तिशाली है।
2026 एक ऐसा समय है जब—
आध्यात्मिक जागरण तेजी से बढ़ रहा है।
इसलिए
यदि किसी पर नकारात्मक प्रभाव हो जाए,
तो भय न करें—
आस्था रखें, मंत्र करें, प्रकाश जलाएँ, और विश्वास बनाए रखें।
सही मंत्र + सही उपाय + सही समर्थन =
पूर्ण मुक्ति।


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